LS12 सरस भजनमाला || ४० संत-महात्माओं के २७५ सुन्दर, सुमधुर और गेय पद्यों अनूठा संकलन
LS12 सरस भजनमाला || ४० संत-महात्माओं के २७५ सुन्दर, सुमधुर और गेय पद्यों अनूठा संकलन

LS12 सरस भजनमाला || ४० संत-महात्माओं के २७५ सुन्दर, सुमधुर और गेय पद्यों अनूठा संकलन

Size
Price:

Read more »


चचचच


LS12 सरस भजनमाला  :  Saras Bhajan Geet Mala, सरस भजन, Saras Bhajans, भारत में सबसे ज्यादा सुनने वाले भजनों संग्रह, भजन सुनने के क्या फायदे हैं? भजन कैसे होता है? भारत में भजन सम्राट कौन था? लालदास साहित्य सीरीज के 12 वीं पुस्तक "सरस भजनमाला" है. इसमें संत-महात्माओं के विशाल साहित्य से ४० संत-महात्माओं के २७५ सुन्दर, सुमधुर और गेय पद्यों को चुनकर इस पुस्तक में संकलित किया है। विभिन्न विषयों से संबंधित ये सभी पद्य लोकप्रसिद्ध हैं। अन्य संग्रहों की तरह इस संग्रह में भी कुछ पद्यों का पाठान्तर देखा जा सकता है। आइए इस पुस्तक के बारे में जानकारी प्राप्त करें-- भजन-कीर्तन गीत का हमारे जीवन पर प्रभाव प्रभु प्रेमियों ! पूज्य संत श्री बाबा लालदास जी महाराज के शब्दों में हम कह सकते हैं कि "मनुष्य स्वभावतः गीत का प्रेमी होता है । वह गीत गाने और सुनने दोनों में अभिरुचि रखता है। गीत हमारे सुषुप्त भावों को जगाता है और जगे हुए भावों को संपुष्ट, संतुष्ट और संवृद्ध करता है। गीत में अवश्य ही आनन्ददायक तत्त्व छिपा हुआ होता है; यदि ऐसी बात नहीं होती, तो गीत किसी को भी प्रिय नहीं होता । मात्र मनुष्यों पर ही नहीं, पशु पक्षियों पर भी गीत का सुखद प्रभाव पड़ता देखा गया है। प्रकाशक और पुस्तक-विक्रेताओं का कथन है कि पुस्तकों में सबसे अधिक पद्यों और कथाओं की पुस्तकें बिकती हैं। इस कथन से पद्य और कथा की सर्वाधिक लोकप्रियता प्रकट होती है। जब मनुष्य का हृदय तीव्र भावों से परिपूर्ण हो जाता है, तब वह या तो पद्य-रचना करने लगता है या फिर अपने भावानुकूल कोई पद्य गाने लगता है। हर व्यक्ति में कवित्व शक्ति नहीं देखी जाती। जिसमें कवित्व शक्ति का अभाव होता है, वह दूसरों का रचित पद्य गाकर अपने को संतुष्ट और आनंदित करता है। संत-महात्माओं के पद्यों का मूलभाव ईश्वर - भक्ति से संबंधित होता है। उन पद्यों में दर्शन-साधना की बातों के साथ-साथ चेतावनी और उपदेश भी भरे पड़े होते हैं। वे पद्य भक्त जनों को बड़े प्रिय लगते हैं। आराम के क्षणों में वे उन्हें गुनगुनाते रहते हैं या फिर सत्संग आदि में बाजे-गाजे के साथ या यों भी प्रेमपूर्वक गाते हैं। इससे उनकी भक्ति भावना जगती और बढ़ती है, साथ ही उन्हें मानसिक एकाग्रता भी प्राप्त होती है। पद्य के भावों से उन्हें जीवन-निर्माण के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा भी मिलती है। इस प्रकार - गीत का गायन और श्रवण आध्यात्मिक साधना का सहायक ही होता है। भक्त जनों के लाभ के लिए मैंने बड़े परिश्रम से संत-महात्माओं के विशाल साहित्य से ४० संत-महात्माओं के २७५ सुन्दर, सुमधुर और गेय पद्यों को चुनकर इस पुस्तक में संकलित किया है। विभिन्न विषयों से संबंधित ये सभी पद्य लोकप्रसिद्ध हैं। अन्य संग्रहों की तरह इस संग्रह में भी कुछ पद्यों का पाठान्तर देखा जा सकता है।     (  और जाने 

price/INR72.00(Mainprice₹90-20%=72.00)

‎off/-20%

‎size/21.5cm/14.5cm/0.8cm/L.R.U.

सरस भजनमाला







चचचछछछ

0 Reviews

Contact form

नाम

ईमेल *

संदेश *