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138 प्रिय, मधुर, मनोहर, सत्य और लोक-परलोक उपकारी कथा-संकलन का नाम है- महर्षि मेँहीँ की बोध-कथाएँ
प्रभु प्रेमियों ! महाभारत , रामायण , पुराण , श्रीमद्भागवत , उपनिषद् , योगवासिष्ठ , पंचतंत्र , हितोपदेश , गुलिस्ताँ ( शेख सादी ) , धम्मपद आदि की कथाएँ, भारत का इतिहास तथा भक्तों के चरित्रों से संबंधित 138 प्रिय, मधुर, मनोहर, सत्य और लोक-परलोक उपकारी कथा-संकलन का नाम है- 'महर्षि मेँहीँ की बोध-कथाएँ .' 85 रेखाचित्रों सहित जब भी कोई बच्चा, बूढा, जवान, किसान या माँ- बहनें इन कधाओं को पढ़ते हैं तो भावना की गहराई में उतर कर अलोकिक आनंद की प्राप्ति के लिए प्रभु से प्रार्थना करने लगते हैं. लोक परलोक को सुधारने वाली इन कथाएँ से ऐसा ज्ञान मिलता है कि घर परिवार बाल बच्चा सब कोई किस तरह से सुखी संपन्न रह सकता है और इस शरीर को छोड़ने के बाद भी किस तरह से आनंदित रह सकता है . इन छोटी-बड़ी कथाओं में इन सब बातों का समावेश है। ( और जाने )
price/INR132.00(Mainprice₹165-20%=132.00)
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size/21.5cm/14.5cm/1.2cm/L.R.U.
नाम- महर्षि मेँहीँ की बोध-कथाएँ, SKU: LS08 mmkbk sds, स्टेटस: उपलब्ध है,
साइज : डिमाई , पेज - 232, साधारण कवर, संपादक : पूज्य पूज्यपाद लालदास जी महाराज
लाल दास साहित्य सीरीज की अगली पुस्तक LS09 . महर्षि मेँहीँ : जीवन और उपदेश







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