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LS07. महर्षि मेँहीँ-पदावली : शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित
LS07. महर्षि मेँहीँ-पदावली : शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित :- भारतीय साहित्य में वेद, उपनिषद, उत्तर गीता, भागवत गीता, रामायण आदि सदग्रंथों का बड़ा महत्व है। इन्हीं सदग्रंथों जैसा परम पूजनीय ग्रंथ 'महर्षि मेँहीँ पदावली' हम संतमतानुयायियों के लिए है। जिसका शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी पूज्यपाद लालदास जी महाराज द्वारा एवं अन्य महापुरुषों के द्वारा किया गया है । इस पुस्तक की जितनी भी बड़ाई की जाए कम है; क्योंकि संत वाणियों एवं गुरु महाराज के पुस्तकों का पूरी तरह से अध्ययन किए बिना इस पुस्तक को अच्छी तरह से कोई नहीं लिख सकता। गुरु महाराज के प्रत्येक पद की व्याख्या, भावार्थ और टिप्पणी करते समय उद्धरण का ठोस नमूना दिया गया है। जो अपने आप में अनूठी है। यह पुस्तक संतमत के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में समझाने का एक अद्भुत प्रयास है, जो साधकों को साधना-पद्धति, संत-वाणी और शास्त्रों के आधार पर गहन अर्थों को समझने में मदद करती है, जिससे जन-सामान्य की कठिनाई दूर होती है और उन्हें आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त होती है, जहाँ लेखक और उनके शिष्य इस पर विस्तृत टीकाएँ (जैसे 'पदावली की प्रश्नोत्तरी') लिखकर इसके महत्व को दर्शाते हैं। ( और जाने )
price/INR168.00(Mainprice₹210-20%=168.00)
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size/21.5cm/14.5cm/1.6cm/L.R.U.
लाल दास साहित्य सीरीज की आठवीं पुस्तक महर्षि मेँहीँ की बोध-कथाएँ।





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