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संतवाणी-सुधा सटीक पुस्तक परिचय में क्या है?
प्रभु प्रेमियों ! 'संतवाणी-सुधा सटीक' : नाम्नी इस पुस्तक में टीकाकार ने मूल पद्य के नीचे क्रमश : शब्दार्थ , भावार्थ और कहीं - कहीं टिप्पणी भी दी है । उन्होंने आवश्यक समझकर कहीं - कहीं भावार्थ के बीच - बीच भी कोष्ठान्तर्गत टिप्पणी दी है । ऐसा कहना चाहिए कि टीकाकार ने शब्दार्थ , भावार्थ और टिप्पणी द्वारा पद्यार्थ को पूरी तरह स्पष्ट करने का प्रयास किया है । उनका यह प्रयास संतवाणी और सद्गुरुदेवजी महाराज के ज्ञान - विचार के संदर्भ में हुआ है । टीकाकार ने कहीं - कहीं किन्हीं सन्त के पद्य और पद्य में आये शब्द के अर्थ को उन्हीं संत की अन्य वाणी अथवा अन्य संत की वाणी के प्रमाण द्वारा संपुष्ट किया है । पुस्तक में कहीं - कहीं सन्तवाणी का पाठान्तर भी दे दिया गया है । पाठकों की अर्थ समझने की सुविधा के लिए वैष्णव साधु श्रीइन्द्रनारायण दासजी और रामानन्दी साधु श्रीसुतीक्ष्ण दासजी द्वारा लिखाये गये ' शब्दों में से प्रत्येक को खंडों में बाँटकर उनका अर्थ दिया गया है । पुस्तक के आरंभ में महायोगी श्रीगोरखनाथजी महाराज और अन्त में बाबा किनारामजी तथा सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज की वाणियाँ दी गई हैं , यद्यपि वे ' सत्संग - योग ' के दूसरे भाग में नहीं हैं , तथापि सत्संग - प्रेमियों के लाभार्थ दे दी गई हैं । संतों का विचार क्या है? संतों के विचारों में कितनी गंभीरता, कितनी मजबूती और कितनी एकता है ?- यदि आपको यह जाननी हो , तो ‘ सत्संग - योग ' के दूसरे भाग में संकलित संतवाणियों की ' संतवाणी - सुधा सटीक ' नाम्नी यह टीका - पुस्तक अवश्य पढ़ें । इस पुस्तक को पढ़े बिना आप संतों के वास्तविक ज्ञान से सदा वंचित ही रहेंगे । प्रत्येक जागरूक सत्संगी को इस पुस्तक का जीवन में एक बार भी अवश्य अवलोकन करना चाहिए । ( और जाने )
price/INR144.00(Mainprice₹180-20%=144.00)
off/-20%
size/21.5cm/14.5cm/1.2cm/L.R.U.
पूज्यपाद लालदास सीरीज की अगली पुस्तक LS06 . संत-वचनावली सटीक





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