MS13 सत्संग- सुधा भाग 2 || वेद-उपनिषद्, गीता-रामायण एवं सन्तवाणी सम्मत ईश्वर-भक्ति, सदाचार आदि का वर्णन
MS12 सत्संग-सुधा भाग 2
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वेद-उपनिषद्, गीता-रामायण एवं सन्तवाणी सम्मत ईश्वर-भक्ति, सदाचार आदि का वर्णन
प्रभु प्रेमियों ! 60 वर्षों से बिंदु-नाद की साधना करते हुए संत- साहित्य के प्रमाणों के आधार पर सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज ने अपने अट्ठारह प्रवचनों में सत्संग, ध्यान, ईश्वर, सद्गुरु, सदाचार एवं संसार में रहने की कला के बारे में बताये हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि वेद-उपनिषद एवं संत- साहित्य में वर्णित बातें बिल्कुल सत्य हैं और जांचने पर प्रत्यक्ष है। लोग इन साधनाओं को करके अपना इहलोक और परलोक के जीवन को सुखमय बना सकते हैं । जिन लोगों ने इसका अनुसरण किया वे धन्य धन्य हो रहे हैं । आप भी पीछे न रहे पढ़िये इन प्रवचनों को और मानव जीवन को धन्य-धन्य होइये।
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इस पुस्तक के बारे में विशेष
जानकारी के लिए
प्रभु प्रेमियों ! इस पुस्तक के बारे में इतनी अच्छी जानकारी प्राप्त करने के बाद हमें विश्वास है कि आप इस पुस्तक को अवश्य खरीद कर आपने मोक्ष मार्ग के अनेक कठिनाईयों को दूर करने वाला एक सबल सहायक प्राप्त करेंगे. महर्षि मेँहीँ प्रवचन, सत्संग सुधा, maharshi menheen pravachan, maharshi menhee baaba ka pravachan, maharshi menhee daas ka pravachan, maharshi menhee daas ka pravachan sunaie, इत्यादि बातें।, आदि बातें। इस बात की जानकारी अपने इष्ट मित्रों को भी दे दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें और आप इस ब्लॉग वेबसाइट को अवश्य सब्सक्राइब करें. जिससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना निशुल्क मिलती रहे और आप मोक्ष मार्ग पर होने वाले विभिन्न तरह के परेशानियों को दूर करने में एक और सहायक प्राप्त कर सके. नीचे के वीडियो में सत्संग योग चारो भाग के बारे में और कुछ जानकारी दी गई है . उसे भी अवश्य देख लें. फिर मिलते हैं दूसरे प्रसंग के दूसरे पोस्ट में . जय गुरु महाराज !
महर्षि साहित्य सीरीज की अगली पुस्तक है- MS14
MS14_मुख्य_कवर |
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