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| जजज |
जग में ऐसे रहना (महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज की पुस्तक
' जग में ऐसे रहना ' प्रस्तुत पुस्तक के द्वारा जग में जीने की कला बतलाई गई है । मात्र इहलोक नहीं , बल्कि परलोक भी अर्थात् हमारा उभयलोक किस प्रकार कल्याणमय हो , इसका इसमें सरल और स्पष्ट विवेचन किया गया है । घर - बार , परिवार या रोजगार से सरोकार तोड़ने की जरूरत नहीं , अपितु इसमें रहते हुए सर्वेश्वर सर्वाधार का आधार लें और सद्गुरु को भवकर्णधार बनाकर सदाचार का पालन करें , फिर तो बेड़ा पार ही पार है । इसके प्रथम संस्करण को सत्संगप्रेमी महानुभावों ने हाथों - हाथ अपनाकर इसकी उपयोगिता सिद्ध कर दी । (कृपया नाम के पास ही पूरा पता लिखे जहां पुस्तक मंगानी है पिन कोड सहित।)
price/INR120.00(Mainprice₹150-20%=120.00)
off/-20%
size/17.2cm/12.1cm/0.7cm/L.R.U.
तररर





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