BS06 || परमात्म प्राप्ति के साधन || साधना की गहनतम अनुभूति के लिए गुरु-भक्ति, सदाचार आदि बिषयो पर चर्चा
परमात्म प्राप्ति के साधन
प्रभु प्रेमियों ! साधना के माध्यम से परमात्मा की प्राप्ति कैसे की जा सकती है? इस पुस्तक में सरलतम ढंग से चंर्चा की गयी है। 'परमात्म-प्राप्ति के साधन' में पूज्य गुरुसेवी स्वामी भगीरथ बाबा ने साधना के गहनतम अनुभूति का उपयोग करते हुए गुरु-भक्ति की मर्मज्ञता को प्रदर्शित किया है। इस पुस्तक के विभिन्न अध्यायों के माध्यम से भक्ति के मार्ग पर चलकर सामान्य जीवन जीते भी हुए ईश्वर-भक्त करने की कला पर सरल-सहज ढंग से प्रकाश डाला गया है। अंतस्साधना के विकास के विभिन्न चरणों पर विशिष्टता के साथ-साथ समग्रता में संतमत की साधना का विस्तृत परिप्रेक्ष्य उपस्थित किया है। यह पुस्तक अत्यन्त उपयुक्त एवं पठनीय है। सामान्य जनों को भी साधना के लिए उत्प्रेरित करता है। आइये इस अनमोल पुस्तक का दर्शन करें---
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साधना की गहनतम अनुभूति के लिए पढें- 'परमात्म प्राप्ति के साधन'
“मैं इस लड़के को खड़ा होकर बोलने के लिए इसलिए कहता हूँ कि यह संतमत में आगे काम आएगा।" दिनांक ८-५-१९८१ ई० की बात है। वर्तमान में अररिया स्थित संतमत सत्संग मंदिर, जयप्रकाश नगर में विराजमान पूज्य श्री शिवानन्द बाबा दिन में भोजनोपरान्त श्रीसद्गुरु महाराज के चरणों में प्रणाम निवेदित करने आये थे। सद्गुरु महाराज ने उनसे पूछने की कृपा की- "मेरे बाद संतमत में कौन उपदेश करेगा?" पूज्य शिवानन्द बाबा ने हाथ जोड़ते हुए कहा- "हुजूर जिनसे करवाएँगे।" इस बात को सुनकर परमाराध्य संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज ने 'पूज्य गुरुसेवी स्वामी भगीरथ बाबा' की ओर संकेत करते हुए कहा- "मेरे बाद संतमत में यह उपदेश करेगा।" इन्हीं के कुछ प्रवचनों का संग्रह किया गया है।
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"BS07 . सेवा से मेवा" है। सेवा से मेवा" पुस्तक में उपरोक्त बातें भरपूर मात्रा में एकत्रित की गई है ।गुरुजनों की सेवा करने का फल सेवा करनेवालों के वर्तमान जीवन में या इसके बाद वाले जीवन में अवश्य मिलता है। महापुरुषों का कहना है कि सेवा का फल कभी भी निष्फल नहीं होता है; बल्कि कई गुणा अधिक बनकर सामने आता है। महापुरुषों की सेवा का संस्कार सेवा करनेवालों को उत्थान की ओर ले जाता है अर्थात् उनका यह लोक और परलोक दोनों सुखकर होता है। 'जो अभिवादनशील है और जो सदा वृद्धजनों की सेवा करने वाला है, उस मनुष्य की चार वस्तुएँ बढ़ती हैं- आयु, वर्ण, सुख और बल।' इस पुस्तक के बारे में और जानने के लिए 👉 यहाँ दवाएँ।
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BS06 || परमात्म प्राप्ति के साधन || साधना की गहनतम अनुभूति के लिए गुरु-भक्ति, सदाचार आदि बिषयो पर चर्चा
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
दिसंबर 04, 2025
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